हरि भगति बेलि मन में लगाय, ताके मन मुकता लागै फल रे।
बुधी मालिनी सींचनहारी, तामें प्रेम प्रभाव हो जल रे।
आतमाराम खरौ रखवारौ, तासे होय अचल रे॥