दिलदार मेरे प्यारे, तेरि सूरति ऊपरि वारे।
सब सुखदायक सकल सिरोमणि, अगणित अधम उधारे।
हम अवगुन तुम कोटि निवारे, कहा कहूँ गुन थारे॥
आसिक कू तुम लागत नीके, कहा जाणै जगत विचारे।
आत्माराम आसिक तुमारा, राखो कदम तुमारे॥