देखे हैं सखी मैं आज अवधेस राज।

जाकी छब पै कोट काम वार डारे हैं॥

आनन चंद सिर पाग कसुंबी।

भूषन अंग सँवारे हैं॥

रट है सेस महेस निरंतर।

जन कोटी भगत उधारै हैं॥

तखतराज अवधेस कुँवर कुं।

छक-छक नैंन निहारे हैं॥

स्रोत
  • पोथी : तखतराज पदावली ,
  • सिरजक : महाराजा तख्तसिंह ,
  • संपादक : डी.बी क्षीरसागर ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, जोधपुर 1992
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