भीलवाड़ा रा रचनाकार
कुल: 13
कुल: 13
राजस्थान रा सिरै क्रन्तिकारी कवि। महाराणा फतेहसिंह नै दिल्ली दरबार में जावण सूं रोकण खातर 13 सोरठा रचिया जिका 'चेतावणी रा चुंघटिया' नांव सूं चावा। आजादी रा हवन में समुचौ परिवार होम दियौ।
नूवी पीढी रै लिखारां में ठावा कवि-गीतकार। 'अचपळी बातां' अर 'वो देखती है कनखियों से बाट फिर' नांव सूं पोथियां प्रकाशित।
रामस्नेही संत संप्रदाय रै महात्मा रामचरण जी रा प्रमुख शिष्य। रचना संसार घणो लूंठो, 'अणभै बाणी' नाम सूं संकलित-प्रकाशित।