माणस

टाबर

सासु-सुसरौ

देवर-जेठ

नणद-नणदोई

जेठूता-नाणदा

सगळां नै

परोटै बीनणी

घर संभाळती

उळझती-भाजती

जावै ड्यूटी माथै

दोलड़ै काम में

बिताद्‌यै जिनगी

कित्तो करै काम

पण

इण नै

कुण द्‌यै इनाम।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 5 ,
  • सिरजक : ऋतुप्रिया ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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