अधखुला आडा

दिखावै—

चौखट रो साच

थळी फलांग

बारै आवूं।

मुळकती बारी

सूं झांकै—

कड़वी-मीठी ओळूं।

स्रोत
  • पोथी : दीठ रै पार ,
  • सिरजक : राजेश कुमार व्यास ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोडी़
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