खिड़की पर कवितावां

खिड़की कमरे या दीवार

का वह निर्माण है जिससे बाहर की हवा, रोशनी, आवाज़ अंदर आ सकती है। इसे आवश्यकतानुसार खोला या बंद किया जा सकता है। कविता में खिड़की या गवाक्ष या झरोखे का प्रयोग बहुअर्थी आयामों में होता रहा है।

कविता2

दीठ

शैलेन्द्र सिंह नूंदड़ा

ओळूं

राजेश कुमार व्यास