कीं समझ में नी आवै
थे किण रै लारै
भाग रैया हो
थोड़ा सोचो
कठै लग लड़ी लड़ाई
अै पग?
कदै धरती मिटाई होसी
मिनख रै खून सूं
आपरी तिस
पण अब तो
मिनख रो खून
अत्तो सस्तो नी के
सड़क माथै बिखर जावै
थे अत्ता कांई डरो
भूख तो मिनख री
ताकत है
ई रै साम्है ई
हारी है तोप अर बंदूक!
आ धरती बंजड़ नी
ई माथै रेवणआळा री
छात्यां रै मांय
धधकै अेक आग
जकै रै साम्है वखत पिघळ'र
बणै नुंवी मूरत
अै चाकू
थारै आंगळ्यां रै खून रा
तिसाया हुय सकै
अै बंदूक अर तलवार
काट सकै थारा हाथ
सोचो
पछै कांई हुवैलो?
थारी मुट्ठी सूं चिमकै
चांद अर सुरजी
थारी मुट्ठी सूं धूजै
डूंगर अर आभो
थारी मुट्ठी सूं पलट
राज अर समाज
इण वास्तै
पिछाणो मुट्ठी री ताकत
थोड़ा सावचेत बण'र।