गांम मअें

राम कथा

दस दन सुधी सांभळी

उद्यापन ने दाड़ै

बे च्यार ठाबा आदमी

कथा सांभळवा वाळं

मनखं ने

जीवणी सुधारवा

प्रेम, दया

ताजा संसकार अर

लोक-परलोक नं

भासण आल्यं...

पण अेक

दांने आदमीअे

तौ

फगत औटलू'ज कयू

तमैं रामकथा

सांभळवा पूठै

भले राम न्हें बणी सकौं

तौ कोय न्हें

पण भूली ने भी

रावण बणौ न्हकै।

स्रोत
  • सिरजक : भोगलाल पाटीदार ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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