मत देख, फाट्योड़ी पगरखी

घणी भौं नी है अबै

मारग छोड’र पड़ाव करां

इण री गुंजाइस पण कोनी

फगत मून तूटण री देर है

किंवाड़ खुलैला

मांय आवैला वायरौ

अर

बारणे आवैला

नाराजगी री उमस

उदासी रा बादळ छांट'र...

बंधण कद माने वायरौ, उमस?

रुक्यौ कोनी है अजै गंगा रौ बैवणौ

गवाड़-गवाड़ अबखायां रौ डेरौ

घणकरा सीजै इण बळती में

बळत पिछांण!

है आधार हूंक री

तोड़ैला मून

बळत

बध'र हरड़ाट बणैला

पौंचावैला थानै मुकाम

फगत समझ री देर है

समझ!

काई उथळीजै मांय री मांय

गौर सूं देख मिनखां रै चैरा सांमी

यां चैरां री लीकां में

मूसळधार बरसती पीड़ ओळख

अबखायां री चरमराट

सैं मूडै आवै है!

समझ लै!

बळत, हरड़ाट

चरमराट

जिण दिन हबीड़ बणेला

हालातां री किलेबंदी

कण-कण व्हैती

बिखरती निंगै आवैला

मत देख, फाट्योड़ी पगरखी

घणी भौं नी है अजै

मारग छोड़’र पड़ाव करां

इण री गुंजाइस पण कोनी...

स्रोत
  • सिरजक : चंद्रशेखर अरोड़ा
जुड़्योड़ा विसै