थांरै हुवणै में
रैयो जको सुख
उण सूं कीं बेसी
थारै नीं हुवणै रै
दंस री आंच-
उण दंस रै जंगळ मांय
सोधूं म्हैं प्रेम री पग-छाप
सुणूं हैं खुड़को
थारै परस रो!