सरहद पर हुग्यो लाडलो शहीद

सरकारी पैकेज स्यूं

बंधगी पेंशन, मां-बाप,विधवा री

खंडर मकान पर चीणीजगी हेली

और भी भोत कीं मिल्यो राज स्यूं।

पण

पीसां स्यूं नीं सकै

बुढापै री लकड़ी

विधवा रो घर धणी

टाबरां रै सिर पर हाथ।

आंगण मांय जीमण नै

बैठी जद वीरांगना

उतर्‌यो नीं गास एक

गळै स्यूं नीचै।

भींत टंगी तस्वीर स्यूं

ढलकग्यो आंसू।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत (जनवरी 2021) ,
  • सिरजक : भानसिंह शेखावत ‘मरूधर’ ,
  • संपादक : शिवराज छंगाणी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी (बीकानेर)
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