टाबर रै पग नै

हाल बेरौ कोनी

के वौ पग है

वौ उणनै फूंदी

बणा लेवणौ चावै

के सेंव

पण आगै चाल’र

भाटा अर चढायां

जमींरा

ऊबड़ खाबड़ गेला

उणनै सीख देवै

के पग उड नीं सकै

नीं डाळ माथै फळीज सकै

टाबर रौ पग हार जावै

जुद्ध में पड़ जावै

जूती में जीवण खातर

सराप लाग जावै

स्रोत
  • पोथी : परंपरा ,
  • सिरजक : पाब्लो नेरूदा ,
  • संपादक : नारायण सिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : राजस्थांनी सोध संस्थान चौपासणी
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