कांई ठाह
कुण बीज्यो हो
म्हारै आभै मांय
बींरी हंसळी रो चांद?
अर
कियां बंधग्यो
म्हारी भरोटी मांय
काळौ नाग?
बींरी हंसळी रो चांद
राखै रोहिड़ै रै फूलां री ख्यांत
अर म्हारी भरोटी वाळौ नाग
नीं टिपण देवै म्हानै
बारली गुवाड़।
म्हारै लीलै पड्योड़ै डील नै
आपरै पसेवां रो अरग दे'र
बा खोल देवै चौथ रा बरत।
अर गांव री बूढी-बडेर्यां
भेळी हो'र
गावण लाग जावै
ब्याव रा गीत।