सड़क बातां रा

सबड़का मारै।

भिणकारा खावै

सुरंग दरूज री पड़छांया

लांबै हाथां

मुजरौ करै

कोड दरसावै

च्यारूं मेर

पूतळां री चै'लपैल

काच कांगसियौ सुरमादांणी

मीठी चीठी पीठी वाणी

खांगा चालै

काख पिदावै

खांधै धरियौड़ी लोटड़ी री ज्यू

नाड़ हिलावै

मूंफाड़ चलावै

अचांणचक

सिंझ्या रा सेवरा चिलक्या

आभै रै उच्छब में

पंख फरू करण लाग्या

तंमोळी तबलची री ढाळ

साथळ बजाई

तीन नीं तेबीस नीं

पूरा तीन सौ तिरेपन तिलंगा

आय ढूक्या

कंवळा हरियल पान

कत्थै अर चूनै रौ

लैरां जेड़ौ लेप

जरदै में जलम-जलम री झिकाळ

पांवरी पगार रौ पीळापण

फेरूं थूकै पिचकार

दाझ्यौड़ी आसावां रौ रगत

जीव फेफड़ा रै

फळसै में फड़फड़ावै

कुड़तै री पुड़त में

झूवारलाल रौ मोडियौ सिक्को

पांसळियां में पिचपन करोड़

ऊंदरां रौ जलूस

'नारा लगावै धजा फरकावै

भायला

हेलौ पाड़ा चूंच भिड़ावां

तमासौ करां

मिंतर

धतूरौ घोटां मसांण जगावां

साथै मरां!

कंगूरां माथै

किरणां रा टोपलिया

लाल दड़ी री ज्यूं

गुड़कतौ जावै सूरज ढलांद में

अेक मोचण

दूजी री जूवां चुगै

नख तिड़कावै

मोटरां री रुखाली करता

छोरा रौ जांगियौ

गोडां गिरै

खनै सिगाड़ पीवतौ सायबरांम

नास फुलावै

माखी छाप मूछ्यां में

फूऽऽफां करै

करियां बिना किंयां सरै!

समंदर री माछळी

रेतड़ में रिगसती डोले

सूतळी रौ बटुवौ

घेटुवै में काठ री माळा

मणकां री मार चांमड़ी छोले

अळबळ चालै

बोलै जद बंसरी सी बोले

मावा-कचौड़ी री दुकान

ऊभा जुवांन

लिलाड़ में सळ घाल्यां

सुपारी चाबै

अपसरा नै देखे

निसासां नै दाबै

वै उमड़्या

घेरदार घागरा लैरिया नै ओढ़णां

नीसरी लुगायां री

झमाझम टोळ

मरदां में मसकरी सरु व्ही

आप-आपरी पिछाणौ

किरण-किरण नै जांणौ

कोतक तौ जावै सिंगपोळ!

किलैटर हाय इनसपैट्टर हाय

परजा बिच्यारी मींडकी गाय

मुड़दाबाद जिणदाबाद

मजमै में अैड़ी-अैड़ी अनोखी कुचमाद!

सूरमां री फींच्यां में संगीणां दाद

खाज आवै

लोई चुवै

खरूट खाडा गेरै

धूड़ रा जाया

धूड़ में गमियौड़ा हकां नै हेरै

सिलेमा किलब फियाट फिरीज

मोटा-मोटा नांव

साम्ही छाती

मूंग दळता दीसै चौफेरै

धायां नै भूखां नै

छकियौड़ा धनवानां

कंगलां नै

सोजती गेट सगळां नै

थ्यावस देवै

चाय आवौ, चायै जावौ

चाय बैठौ, चायै सीख करौं।

नफै-नुकसांण रौ झोटौ

तौ चालतौ ईज रैवै

कड़तू री कड़क

बूकियां रौ जोर

कदै खोवौ मती

तिणकलां रा सेलां रा

वार व्है

पण रोवौ मती

पंथ में तौ

खंख रा सूण साधौ

जिंदगानी में

दुख-सुख आधौ-आधौ!

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकाशन, जयपुर
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