म्हारी ईह-लीला

ईह-लीला छै कै प्रेत-लीला?

कारण कै

म्हारी सांसां, सांसां नीं

दुख रा पसवाड़ा छै निसदिन

म्हारा भायलां

करौ अेक उपाव

म्हनै वौ लतीफौ बणाय दौ प्लीज

रेल-मंत्री रेल-बजट राखती वेळा

कालै जिको संसद में सुणायौ छौ

जुलाई महीनै री दिसविहूण हवा रै जोर

वाम फगत वाम लुळता बेबीज कीकर

महनै म्हारा मा-जाया क्यूं लखावै ?

म्हैं अेक निरोगी हतासा रौ

लासानी मरीज तौ कोनी?

कूड़ी मुळक होठां माथै चेप्यां

डाक्टर करतां मैनेजर बत्तौ लागतौ

गांठ रौ पूरौ बगत नांव रौ हकीम

म्हनै किणी खटारा साइकिल ज्यूं

रिपेयर करणी क्यूं चावै?

जदकै म्हैं तौ तकात नी जाणूं

म्हारी आतमा रौ बासौ

इणरै लारलै पेड़े में छै के आगलै में?

अर थाळी में परूसी थकी रोटी

म्हनै एल्प्राजोलालाम री टिकड़ी जैड़ी

क्यूं दीसै?

माफ करौ बेलियां

म्हारौ उदर उतरौ नीं

जितरी म्हारी आतमा भूखी छै

म्हैं साची कैवूं

मसालां रै परिपाक तेल में गरक

काचै आम री फांकड़ी सरीखौ

संसार नांव रै इण मरतबांन में

बेसुध पड़ियौ छू म्हैं

म्हारी सुध तौ लौ भायलां!

आपूकी उमर रै किणी लुकमै में लपेटनै

म्हारौ सवाद तौ लौ!

मुमकिन छै थांरी जीभ रै किणी चटखारै

तिरपत व्है जावै म्हारी आतमा!

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : मालचंद तिवाड़ी
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