आज
दादोसा री
खुसी रो
कोई ठिकाणो नीं हो
पै'ली बार
आज गांव रा
जमींदार आया
दलितां री बस्ती मांय
पूछण नैं वां'रो दुख सुख
दादै रो नांव
आज लाधियै सूं
लादूराम जी होयग्यो
जिका करता भींट
जातपांत री लीक खींच'र
आज आप ई
मंगा लियो पाणी
धोळियै खन्नूं
धोळियो जिको है
दादै रो लाडलो पोतो
कर ली बी ए पास
पाणी पकड़ावंतो
पूछ बेठ्यो जमींदार सूं
एक सवाल-
ताऊजी!
चुनाव आवण वाळा है के ?
सगळां रै लागग्यो जावण।