सूरज तौ नित्त ऊगै
आज ऊग्यौ अर कालै फेरूं ऊगैला
पण थें थांरौ सत्त सांभळौ
नै सुंवाज करौ
तौ औ करौ कै वीं रै
उजास री मेड़ी तांई कुण पूगैला।