अचाणचकै कठै सूं
बोली कोयल!
कै तो बैठी ही
मून होय'र...
आसाढ रो ऊमड़ियो
पै'लोड़ो बादळ
उणरी
पै'लपोत री छांट्यां
इणनै घणी लागी रळियावणी।
उतरियो सांचै हैज
उणरै
कोडीलै सुरां।