चावै माँ खेल-खेलकणा,

तितळियां के पाछै भागू।

पहली पढ़ाबा को काम करूं,

फेर खेलबा मं नाव करूं।

पढ़-पढ़ आखर, गिनती अर,

गिटरपिटर अंग्रेजी बोलूं।

पढ़तां पढतां बडी हो जाऊं

फोजी अफ़सर मां अर,

डाक्टर बण जाऊं।

या सीमा पं खड़ी हो जाऊं,

धरती मां कै काम में जाऊं।

मिनख्यां की सेवा कर जाऊं,

अतनो सारौ रूपयों कमाऊं।

थांरी फाटी साड़ी नुई दिलाऊं,

बाबू जी को हाथ बटाऊं।

थां दोनी नै राज कराऊं ,

थांकी सांची बेटी बण जाऊं।

स्रोत
  • सिरजक : मंजू कुमारी मेघवाल ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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