जद सूं थारै लारै आई पीहर छुट्यौ
मां बाबल वीरा रा मुखड़ा मगसा पड़ग्या
साथणियां रौ हेत, आंगणा, पिणघट
बाड़ा रा चितरांम आंसुवां घुळग्या
बंधता थारी भुजा, नैन मुंद जावै म्हारा
मेड़ी री च्यारूं भींता रा धुड़ै लेवड़ा
पिलंग-पथरणा तकिया-चादर तिरता लागै
जुपतौ दीवौ म्हारै नैणां सूं अदीठ व्है जावै
भारी-भारी थारा दो भुज, भार अंग रौ
थारौ मुखड़ौ, नैण, होठ, बीजल ज्यूं पळकै
अंग-अंग में हरख पीड़ रौ रास रमीजै
म्हैं अलोप व्है जाऊ, बस थूं ई थूं दीसै
अब तौ थूं ई कोनी है, म्हैं ई कोनीं हूं
देस काळ सूं ऊपर कोई जोत बधै है
अणहद नाद सुणीजै, आंणद लीला राचै
जूण-मरण, सबद परबारौ लोक सधै है
कांटा माथै हूं के हूं धरती रे माथै
चुभै कांकरा हाय पूठ आखी छुलगी है
म्हारा गाभा कठै? कठै है म्हारी सुध-बुध
मोर ढेलड़ी टुग-टुग निरखे ओलूं-दोळूं
छतरी बणगी है, सोनल पांखां तणगी है।