(कविता रो अंस)

सोवियत फोज रा मिनखां री यादगार में, जिका दूजी बड़ी लड़ाई में काम आया

चेतै राखो!

अुतावळो चावै झरणो

दिनां रो अर बरसां रो

चावै झरो—

चेतै राखो!

बांनै जिका पड़्या

हेत रो करजो

म्हां माथै—

चेतै राखो!

करज जीवतो रैवै—

ना आंसू

कदे चुका सकै,

ना दुखड़ो;

म्हानैं राखणो पड़सी

भरोसो बां में

आज,

काल

म्हारा सपना,

म्हारा गीत,

अर सगळी खुसियां

जिण खातर

जीवण बण्यो

बा कड़वी कीमत

झगड़ै री करड़ी लड़त में

भरीजी

है म्हारी आण,

म्हारी सगळी ताकत सूं

हूं कैवूं—

चेतै राखो!

हरेक, सांस में,

काळजै री हरेक धड़कण सागै—

चेतै राखो!

जे कदास म्हारा गीत

तारां छाये आकास में भरीजग्या—

चेतै राखो!

सुणो हाल बा बाणी

बांरी

जिणां रो गीत सांत हुयो—

चेतै राखो

म्हारा टाबरां नैं कैवो

म्हारी सांती कियां जीतीजी

चेतै राखो!

अर चावै

बांरा टाबर

आगै खबर पुगावै

चेतै राखो

नुंवै जुग रो स्वागत

जिको खड़कावै

म्हारै बारणां

अरै धरती रा मिनखां!

बाढ़ो

बीं सूगलै जिनावर नैं

बीं हित्यारी लड़ाई नैं

अरै, मूंघै मोलां रा मिनखां!

अर ज्यूं म्हे बधां

जीत्योड़ै अंतरिख माथै कर

चेतै राखो!

हाल आदर देवो

म्हारी अणजीती मोतां नैं—

चेतै राखो!

स्रोत
  • पोथी : लेनिन काव्य कुसुमांजळी ,
  • सिरजक : रोबर्ट रोझडेस्टवेन्स्की ,
  • संपादक : रावत सारस्वत ,
  • प्रकाशक : राजस्थान भासा प्रचार सभा (जयपुर) ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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