झड़ै पान जद
आवै सनेसो।
लहर नीं करै
किनारै सूं सगपण
आवै—
जगावै आस।
जातरा है उणरी आ—
पाछी जावण री।
रूंख साख भरै
झरयोड़ै पान पर
फेरूं उगण आळा
नूंवा पान री।