आखी रात
बरसतो रह्यौ आभौ
आखी रात
घुळती रैयी रेत।
आखी रात
पचतौ रह्यौ हाळी
आखी रात
महकती रह्यी रेत।
आखी रात
हाळी बीजतौ रह्यौ बीज
आखी रात
उथळ-पुथळ मचांवती रैयी रेत।
परभातियै तारै सूं
थोडौ'क सांत हूयौ आभौ
परभातियै तारै सूं पैलां
सुपनौ देखती रह्यी रेत।
भखावटै-भखावटै
आय'र उमट्यौ कागलां रौ टोळो।
बैंवती रैयी रेत
रेत अर पाणी रै सागै बैहग्या सगळा।