म्हे टाबरपणै मांय सागै खेल्या
इस्कूल मांय सागै भण्या।
तीज-त्योंहार काण-मोखाण
म्हारौ एक दूजै रै घर आवणो जावणो हौ
वींरै खेत री सींव म्हारै खेत सूं लागती
काचर, मतीरा, लोइया, टिंडसी
सागै बैठकर खाया
लागतो इयां जाणै म्हारौ खेल एक है।
सींव जाणै ही कोनी अर
म्हे कॉलेज मांय एक सागै हा
पण किसमत मांय कोनी
म्हारै बिचाळै ई जात री
ठाड़ी भींत...!