सैंकड़ा बरसां सूं

पोसाळ जावणियै

टाबर री चाल में

अर पोसाळ सूं घरां

बावड़णै री चाल में

फरक हुवतो रैयो है,

पैलै दिन

पोसाळ जावतै

टाबर री आंख्यां सूं

टळकता आंसू

अर बहीर करती

उणरी मां री

ममता रो इतियास

बित्तो खरो है

जित्तो मां-बेटै रो संबंध

बदळतै इतियास री

नूवी पिछाण

ओज्यूं नीं बणी

परंपरा अर कानून री

रिमझोळ में फंस्योड़ो

टाबर जोवै

अेकर मां नै

अेकर मास्साब नै।

स्रोत
  • पोथी : कीं तो बोल ,
  • सिरजक : श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : राष्ट्र भाषा प्रचार समिति श्री डूंगरगढ़
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