समाज नैं

कुरीतियां सूं

बचावण खातर

पांच सितारा होटल में

भेळा होया जाणकार

अर नेता

थरप्या आपरा गैरा बिचार

पढ़ीजिया परचा

पैरीजी माळावां

बंटिया इनाम इकराम

घसीज्या दांत

लो हो गयौ उद्धार देस रौ

दूर होयगी कुरीतियां

बणगौ सभ्य समाज

अेक'र फेरूं

करीजेला

प्रयास

वाह रै म्हारै देस रा विकास।

स्रोत
  • पोथी : सातवों थार सप्तक ,
  • सिरजक : वाज़िद हसन काजी ,
  • संपादक : ओम पुरोहित 'कागद' ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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