अबोट गैलो अंतस री असलियत चावना घाणी रौ बळद कुण सुणै लावौ अर सबद मजलां मारै हेलौ मन मन री बात म्हैं सोचूं मिरग तिसणा नैणां रा बोल प्रभातियौ तारौ सुपनौ अर जथारथ विकास