राज है आपरौ

मन मत्तै दौड़ो अर गुड़ौ

देस नै साथै घीसौ अर गुड़ावौ

सांती री आड़ा में आपरी चेस्टावां

भी अर बासती रौ जोग लियां

हरेक हरकत रा ऊंडा मरम

ऊंडो आपरौ चरित्तर, ऊंडा करम

आपरौ नांव डंकीजै

आपरा पग पूजीजै

सस्तर-सास्तर सूं लैस

आपरा हाथ लाम्बा

आपरी सेखायां, आपरा वचन

लोह री लकीर, राखै इतिहासू रुतबौ

निजरां तुल्योड़ी आपरी

धरम रै कांटै

म्हां बैठा नीची धूण

जमीं नै कुचरां, लींगटा मांडां

कदै कदास

दंगौ-फसाद कठै

जे करै म्हांरा भाई

आप क्यूं हैरान?

आपरी इज तो मेहर है आ!

आपरी चरभर री कांकरी हां म्हां

आप चावौ तौ म्हां ऊभा लाधां

हडतालां पर दंगां रै बीचो-बीच

अर आप चावौ तौ म्हांनै बणाय दो

दंगै रौ जांच आयोग

वाजिब है आपरौ नेम-धरम

के बाजीगरी, के सौदागरी

आपरी हिकमत रा खेल

के पींदै पूगतां

आसीसा म्हां आपनै

आपरी महिमा-सुख रो सार

बखांण अपरंपार

गावांला जद तांई गाइजै

निभावांला जद तांई निभाइजै

पण लागै नीं

के अबै निभ सकैला

इतिहास अर आगोतर रै बिचाळै

अेक घमसाण झेल रैया हां म्हां

अर, आसार निंगै आवै है।

अेक महाभारत रा

जिकौ, नी टळ सकै आपरै टाळियां!

स्रोत
  • सिरजक : चंद्रशेखर अरोड़ा
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