परभातियै तारै री पौर
उठ जावती घर री धणियाणी
घर-घर बाजता
घरटी रा घमीड़
पीसती आटौ,
परभतियै तारै री पौर
उठ जावतौ घर रौ धणी
जा पूगतौ बाड़ै
जठै बांधियोड़ै
ऊंट अर बळदां री
जोड़ी री लेवतौ सांभाळ
जका किणी कमाऊ
पूत सूं कम नीं व्हैता।
मोटोड़ी तासळी
दूध राब सूं भर
सिरावण कर जा पूगतौ
आथूणियै खेत रै मथारै
करतो खेत में काम
जिणसूं पाकतौ देसी धान,
घर रौ सगळौ काम-काज
निपटा’र
ओडी भर भातौ ले’र जावती
घर री धणियाणी
जिणमें होवतौ
कैर- कुमटिया रौ साग
खाटौ रोटी
अर छाछ राबडी,
खेत रै मथारै
गैरकी खैजड़ी री छांव
धणी लुगाई दोनूं
बैठ’र करता बंतळ
अर जीमता भातौ।