पाणी-
राखो बचाय’र
सूकग्यो धरती में जे
कीकर मिटसी तिरसा अर
सूकग्यो आंख्यां सूं जे
तो दुखड़ो कियां बताओला?
उतरग्यो
खुद रो पाणी तो
निजर कीकर मिलाओला!