हरेक हांफळरासै पछै
वा देवै म्हनै
माथो टेकण सारू
आपरी सांवठी साथळ।
घड़ी’क लागै मींट।
जाग्यां पछै देखूं-
फेरूं पड्यौ हूं अखरोड़ै।
जोवं नुंवौ हांफळरासो
उडीकतो–
अबकै वा नीं आवै स्यात
पाक्यां पैली म्हारी नींद
छै’ली बिसांई।