हाल याद है बालसमद रौ जूनौ पुळियौ

कादा में कुरळातीकोई कायर कुरजां

पचरंगी रेसमी लैरियौ

थारी केसरवरणी टांगां

जाणू हूं अै चीजां झूठी

तौ दोपारां सूनीगळियां में

जाम हुयोड़ा मोटर रा बजता हॉरन ज्यूं

थारै डूबण री देखौ तौ झूठ धारणा

म्हारौ पिंडौ छोड़ै कोनी

अब तौ वौ जूनौ पुळियौ कोनी दीसै

कोनीरह्यौ फड़कतौ पचरंगौ रेसमी लैरियौ

फगत कठै कुरळावै है कायर कुरजां

फगत कठै जीवै केसरवरणी टांगां

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : सत्यप्रकास जोशी ,
  • संपादक : तेज सिंघ जोधा
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