हाल याद है बालसमद रौ जूनौ पुळियौ
कादा में कुरळाती कोई कायर कुरजां
पचरंगी रेसमी लैरियौ
थारी केसरवरणी टांगां
जाणू हूं अै चीजां झूठी
तौ ई दोपारां सूनी गळियां में
जाम हुयोड़ा मोटर रा बजता हॉरन ज्यूं
थारै डूबण री देखौ तौ झूठ धारणा
म्हारौ पिंडौ छोड़ै कोनी
अब तौ वौ जूनौ पुळियौ ई कोनी दीसै
कोनी रह्यौ फड़कतौ पचरंगौ रेसमी लैरियौ
फगत कठै ई कुरळावै है कायर कुरजां
फगत कठै ई जीवै केसरवरणी टांगां