सीकळा सूं मार-मार घूत

कुण फोड्या बीं रा इण्डा

जिका रै माय हा

नान्हा-नान्हा बच्चिया

कोई नी बतावै

सूं उलट

बापड़ी घणी बरियां ही

जद आयर कूकै

झै सामलै सून्नै मकान में

तो पड़ोसी इळजाम लगावै

कै देख

मरज्याणी म्हानै घर छुड़ाणो चावै।

स्रोत
  • सिरजक : देवीलाल महिया ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोडी़
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