चिराळी भारी व्है हरमेस
सगळी इबारतां
अर चूकती भासावां री वरणमाळ सूं!
उण मांय नीं व्है अरथ
नीं व्है लय, नीं उच्चारण री ढाळ
भरियोड़ौ व्है निकेवळौ निगोठ साच
जिकौ अण-अरथायौ ई पूग जाया करै
धकला सुणणिया लग
पूरौ रौ पूरौ
यूं रौ यूं..!
आपरी चिराळी नै अंवेर राखौ
सतायोड़ा लोगां री भासा छै, आ।