1.
करमफोड़ हां म्हे!
देस री बात तो दूर
बूढियां री अडाणै मेल्योड़ी
आपरी जुबान
नीं छुडा सक्या
अजै तांईI
हे देस रा राज!
मिनख रो माण,
नागरिकता रा सैनाण
पाछा लिया जावै
म्हां सिरखै
लिपळै लोगां सूंI
2.
कुण खोसी म्हां सूं
म्हारी भासा!
कुण कैयो...
थारी मा,
मा बणनै रै
लायक कोनी?
इसी गाळ सुण'र
जींवतै मिनख नै
कीड़्यां चढणी चाइजै!
छात्यां भिड़नी चाइजै!!
पण नीं चढी कीड़्यां,
नीं भिड़ी छात्यांI
देख्या,
कठई मुरधर रा सूरमा
आपां सगळा
बगत सूं पैली
मर तो नीं गैया?
3.
कुण थरप दी
संविधान मांय
म्हारी मा नै
कड़खै बिठा
म्हारी माई मां?
कुण बणग्या
म्हारी भासा रा
कंठ मोस'र
सगळी भासावां रा
ठेकदार?
कुण है बै
डेढ हुंस्यार?
किस्या है
बै तारणहार?
आओ, सोधां
धौळपोसियै
चोरां रा
सैनाण...
अबकाळै खेत नीं
घर में काढां निनाण!
4.
माई मा रा
ओपरा सबद आरोगती
म्हारी पीढ्यां
होगी है डाफाचूक
दूध री भासा मांय
कुण रळा दियो
मिजळो पाणी !
आज घड़ी
इण घर रा टाबर
नीं ओळखै
म्हारी मा नै
पछै संकता सा
किंयां झालै
मां रै सबदां री
लीर लीर होंवती
बुगचड़ी!
भासा रो सगपण
रूळा दियो
म्हारी माई मा
मुरधर री
धिंगाणै धिराणी बण'र...
म्है भींत सा ऊभा
दूध री भरी हाण्डी नै
साम्पड़दै
छा होंवतां देखी है,
देख रैया हां,
कदास आगै ई देखस्यां
आपरै घर मांय !
5.
निरभागी हां म्हे !
आपरी जुबान मांय
आपरी बात राखणै रो
हक नीं है म्हांनै...
नीं माण्ड सकां
अेक दरकास्त
आपरी भासा मांयI
म्हां नालायक
कपूतां साम्ही
ऊभो है
बरसां सूं ओ सुवाल
किसी है थारी भासा?
कठै है थारी भासा??
पांचवों वेद
हाथां ऊंचायां
म्हे चमगूंगा
लगोलग
खिड़खिड़ हांस रैया हां!