कीं अंगरेजी तारीखां

अर दिवसां माथै

साम्हीं आवै म्हारै सारू

थारो प्रेम!

प्रेम रो दिन नीं होवै

सगळा दिन होवै

फगत प्रेम रा

जीवण रो हरेक छिण होवै

प्रेम रै नांव।

भूंडौ नीं बाजूं तो कैवूं

कलेण्डर देख-देख'र

नीं होवैला म्हारै सूं प्रेम!

स्रोत
  • सिरजक : संजय आचार्य 'वरुण' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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