आज मा रो फोन आयो
मा बतायो—
लारली दीयाळी
परणीजगी बा तुळछां
जकी थूं लगाई
आपणैं घर रै आंगणैं
परणीज्यां पछै
तीन मईना हरी रैई
कोई नवी काढी ई नीं डाली
नीं लाग्या नवा पानका
जूनी डाळ्यां माथै
जरूर आया मोर
बा तो बळगी जा पछै
थारा सुणा
काईं हाल है!
म्हारा तो
बुसका ई फाट्या
सबद दोरा ई डाट्या
मा म्हैं तुळछा हूं थारै आंगणै री
इत्तो ई बोलीज्यो
अर मा फोन काट दियो!