बा'रली भींत काढ़ी जद
भाटो बदखोरो हो
जिग्यां जिग्यां छोड ज्यांवतो
मतो कर'र, कोचरा-सीगर
चिणारो हेलो करतो
'मूळिया! माटी गिलो'र देई'
अर म्हूं दब ज्यांवती
बीं भाटै री ओट,
पण अेक दिन
जद भाटो कसीज्यो
करड़ो बोल्यो
म्हूं ई माटी ही जात री
ले बिरखा रो भानो
आ मिली..
पाछी माटी मांय।