अगूंठौ
मन मअें अकळाई ने बौल्यौ
हदाओं थकी अैकलौ
बीजी आड़ै च्यार अंगळिअें
घाणी ना बळद वजू
आंखें बांधी ने हांकतार्या
म्हारा ऊं तौ
स्रिस्टि नूं वईडू लखणूं है
जैनै कनै म्हूं न्हें
ई अेकलव्य वजू
स्रेस्ठ धनुरधर न्हें बणी सक्यौ
गणपती नीं पैली पूजा वजू
म्हारू काम पड़े है
नौकरी, पारगमन चिट्ठी
परिक्सा फारम अर आधार कारड
धीरे-धीरे दांम ठैकणै
हेत्ता डील नीं औळखाण
म्हारा थकी थाय
उमर साथै मुंडा नौ मोह्वा
अर डील बदलाई जाय
पण म्हारी लकीरै कारैय न्हें मटै
डील ना नौख ऊं चौटी सुधी
कवि अर साहित्तकारै घणू लख्यू
धन, मान अर नाम कमणां
म्हारै सारू कोय न्हें लख्यू
टाईप मसीने आवी
औणा पूठै कम्प्यूटर आव्यू
लखवू-गणवू अर परदेस थकी
मुंडा-मुंड वात थाय
अजी सुधी मौझ करती हती
ईबै हाथं नी अंगळिऔ
म्हारा साथै काम करै हैं
अवै बटणं माथै नाचै हैं
म्हैं जाण्यू
अवै म्हनें विसराम मलहै
पण मोबाइल आव्यौ
रातर-दाड़ौ टूं टूं करवा लागौ
पाछौ बटणं अर
पड़दा माथै आव्यौ
कलम अर बटणं थकी
जराओ जप न्हें है
होळ मअें थकी छुट्यौ तौ
गाड़ा मअें जौतरणौ
पण म्हारा काम नी कदर
आज सुधी
कैणे अे न्हें करी।