बै गीत गाबै छै आजादी कै लियां

बै गीत गाबै छै सरकार बणाबा कै लियां

बै गीत गाबै गरीबी कू हटाबा कै लियां

बै गीत गाबै छै बेरोजगारी मटाणबा कै लियां

बै गीत गाबै छै रोटी कै लियां

बै गीत गाबै छै पाणी कै लियां

बै गीत गाबै छै मजूरी कै लियां

पण म्ह गीत गाऊं

मोसू हेत राखबाळी कै लियां

सांवळी रेशमा कै लियां

बै सब गाबै छै गीत

सटेटी चीजां कै लियां

जे सू उणनै जीत सकै

पण म्ह गाऊं

म्हारी भायली रेशमा!

थारै लियां खाली।

स्रोत
  • पोथी : कथेसर ,
  • सिरजक : विजय राही ,
  • संपादक : रामस्वरूप किसान
जुड़्योड़ा विसै