अेक
राजनीत रा रेळकां में
लागता ही रेवै खेड़का
अबे करौ क्यूं दांतियां?
कांई खोटो काम कर्यौ
ठोक पींज ज्यूं त्यूं
आपरा वोट ही तो कबाड़िया।
हार-जीत होतो आई
आपसरी में लडौ क्यूं गेलां?
दाव आया कुण नी पछाड़िया।
जनता सगळी अणजांणी
कुण कित्तौ ठारै पांणी
अेतो अेक माटी रा छाड़िया
दो
आंकड़ा री अळेटणी
समस्या सारी सळेटणी
अर भाषण घणाई झाड़ै।
आज रा जन नेता
खून चूस जनता रौ
जुगाळी करणी मांडै।
आयै तो उम्मीद करां भलो
पण भला भला भूल जावै
सिंरातिया नै पगाँतियां
कोई इणां रौ कांई पकड़ै
लग लग करता फिरै
बिना पूंछ रा बाण्डिया।