हैळी-हाट री साझेदारी
थोड़ी मिनखां री होशियारी
समझो “होरी' भाई
बूझो “धनियां' माई
दुख रो कारण
मिनख जूण बिरथा मत खाओ
एका हो रण में भिड़ जाओ
एकट रामबाण है भाई
करो लडाई री अगुवाई,
सम्भलो 'गोबर' भाई
चेतो 'सोनल' बाई
दुख रो कारण
हाडां पर नीं मांस आपरो
बिलखे टाबर झींखे घर-धरीयाणी
महाजन मांगे सूद हाकम आंख दिखावै
आ आजादी आई घणी सुहाणी
चौथी कसम राज आपरो
ले 'हीरामन' भाई।
दुख रो कारण
लुटण नै लाग्योड़ा है सब
थाने म्हानै बानै सब नै
ए-कुर्सी रा तूम्बा
मिले मुळकता बोले मीठा
नेड़ा आय नीर दे सब नै
ए-वोटों रा भूखा।
ढाल आपरी बणो सब
मिलकर करो लड़ाई
दुख रो कारण मालूम पड़सी
सुनले हरखू भाई।