मन रै मतै
मुळकतो-हसतो
कोई म्हंनैं रमावै है!
आसाढ़ां में मेघ-माळ बण
गिगन-मंडल गरजै-छावै
भांत-भंतीलो रूप बणावै
कामणियां रै मन-भावै
इन्दर-धनक बण रंग लैरावै
बण फुहार मन भावै है।
बरसै ताबड़ तोड़, जमीं—
आभा नैं एक बणावै है।
खळका व्हाळा
नदियां नाळा
कुण सर नैं सरसावै है?
मन रै मतै
मुळकतो हसतो
कोई म्हंनैं रमावै है!
रस दै बिरछ-बेल कुण सींचै
पात-पात कुण बिगसावै
कुण तरुणाई बिगस्योड़ै
लीलै तुरंग ज्यूं दरसावै?
हवा परस क्यूं हिलै हियै ज्यूं
झूमै नाचै गावै क्यूं?
रंग रंग रा फूल बिगस
सतरंगी धरा बणावै क्यूं?
फूलां रै मिस
खिळखिळाट कर
कुण सौरम बरसावै है?
मन रै मतै
मुळकतो हसतो
कोई म्हंनैं रमावै है!
कंपा-कंपा किटकिटा दांत नैं
कुण सरदी में ठिठुरावै
धरती रो आंचळ भरवा कुण
फूल-पानड़ा भर लावै
लडा-ळूम कर फळ सूं डाळां
रस में इमरत घोळै कुण?
हेम पटक, पीळा कर पानां
आखर लिखै फिटोळै कुण?
बणा-बणा नैं
फेर मिटावै
मिटा-मिटा’र बणावै है!
मन रै मतै
मुळकतो हसतो
कोई म्हंनैं रमावै है!
आंधी ज्यूं उसांस-तड़को
मन में खीरा सिळगावै है
नख-सिख रा सिणगार छोड़
धरती जोगण बण जावै है
हसी-मुळक-किळकारी घूमर
पल-भर में पी जावै कुण!
सधवा-वेस मिटाय, दुहागण
धरती नैं दरसावै कुण!
बळ-झळ नैं ई
एक बादळी
जीवण-राम सुणावै है!
मन रै मतै
मुळकतो-हंसतो
कोई म्हंनैं रमावै है!
भांत-भांत रा रंग घणैंरा
रूप घणां कुण दरसावै!
कुण गहरो रंग रंगै गुलाबी
किणरी वांणी मन भावै!
किणरी तिरस दझाय सतावै
अन्तस नैं अकळावै कुण!
ना-ना विध सूं मान करै नैं
घण-मनवारां आवै कुण!
राग-रंग नैं
दाझ-झाळ
जिणरी सिरखी ई भावै है!
मन रै मतै
मुळकतो-हसतो
कोई म्हंनैं रमावै है!