थै कैवो हो

म्हैं खुसी रा गीत गावूं

देस रै बिगसाव रो जसन मनावूं

पण क्यूं?

कांई बगत साचाणी

गीत गावण रो है?

जसन मनावण रो है?

थै कैवो हो

आं बरसां मांय मिनख

घणी तरक्की करी है

पण म्हनैं लागै है

स्यात थै अखबार नीं बांचौ

समाचार नीं सुणौ

दंगा, झगड़ा, मारकाट

बलात्कार, लूट, बदले री आग

जे थै समाचार बांचता

तो स्यात मिनख नैं

मिनख नीं कैवता।

पण थै कैवो हो

कै खुसी रा गीत गावूं

देस रै बिगसाव रो जसन मनावूं!

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : किशोर कुमार निर्वाण ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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