खाथो चाल रे कमतरिया!
देखलै सींव
पाछो घिरग्यो है
रंभावतो रेवड़
उठतै रेतड़ सूं
कंवळाइजै उजास
सुंवी सिंझ्या
सुहागण नीं चढै कुवै
भरियाई व्हैला
घड़िया टीपा-टीप
बैठगी व्हैला
हांडी कठौती मांड
चाल कमंज्या रा धणी चाल
खाथौ-खाथौ चाल!
ऊभगी व्हैला
थरकण थाम मघली
अंवळाई में
दीसै कठैई छिंयां तो
हाका पाड़ती भाजै सामै पांच
टेरां माथै टेर
भरताई व्हैला
तेजो हरियो सूवटी
जाणं उगेरी आरती
देख....बा देख
सरणाटै री छाटी
झाड़ती उतरै
भीतां माथै रात
राखैला आळा-आरां
भर दैली थाळी हथाळी
देवैली कवा
जड़ दैली सगळा दूधाळा दांत
खाथो चाल
दीवै रा देवता
होतांई चुड़लै रै हाथां जोत
सैचन्नण होसी
चूल्हो-आंगणो
चाल.... आखै घर री
उडीकां रा अेकल चितराम
खाथो-खाथो चाल
खाथो चाल रे कमतरिया!