करम सांतरा करजै बीरा

पाप कपट सूं डरजै बीरा

मिनखा देही जाण कीमियां

सांची ओळख करजै बीरा

मारग में कांटा पण मिलसी

सोच समझ पग धरजै बीरा

सत करमां री बांध गांठळी

बाळद थारी भरजै बीरा

राम नांव की झ्याझ बणाजै

भव सागर सूं तरजै बीरा

जस लीजै कैलाशजगत में

पीड़ पराई हरजै बीरा

स्रोत
  • सिरजक : कैलाशदान कविया ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
जुड़्योड़ा विसै