1
अमस,
उडतै
आखतै
बादळ रा दो परसेव
टपक्या
पपैयो
रात बोल्यो हो
उड़तो।
2
हो जठैई
खूड़ां रै चिपग्यो
नाज
अर ढांढा डिडाया
तरस सूं
‘तीजण्यां’
खेलण री गुडिया
बाळदी
अबकै
फेर हुयो
सावण सुरंगो
भूख रो।
3
कंवल
कंवळा हाथ
लाडेसर बहू रा
फूटगी
‘फेमन’ रै फालां
राचणी
मेहंदी।
4
‘मेट’ काटै है
बहू री हाजरी
अब तो
बेटो
मऊ सूं बावडै
जद हुवै
5
आज
फेर लागै
उधारो अब मिल्यो है
आज
फेर झोई है
काकी
रातनै
चाकी।
छव
नित
बो ही
लालड़ी जूंवार रो
दळियो
बो ही
जौ-जन्त रो
घाठौ
बदळा’र ल्याई
आज ताई बाणियां रै
बाजरी रो पाव-एक
आटो
बहू रो
दूसरो ‘जी’ है।