जठै देखलां भरी परात, उठै नाचलां सारी रात।

जठै देखलां भरी परात, उठै नाचलां सारी रात।

कैड़ौ मान कांई मरजादा, अै सबदां रा कूड़ा कादा।

ज्यांरी पोंच वेही पिरथी में, घूम रैया है बण सहजादा।

जिके अकड़ग्या खूंटा कैर, वां गती में पीनौ जैर।

जिके संभळग्या रब्बा ख़ैर, वांरै जग में ढिगला ढेर।

थूकां-चाटां दिन अर रात।

जठै देखलां भरी परात, उठै नाचलां सारी रात।

पैली आज इजाजत चावां, थांने फेरूं भेद बतावां।

सगळी जागा म्है इज मिळसां, जिकै ठौड़ है ठावा ठावा।

मोटोड़ा अफसर म्हारा भाई, कईक बेटा कई जमाई।

थांने राजी राखण सारू, चपरासी री पोस्ट बणाई।

अै है म्हांरा अधल-न्याव, जोबन बैठौ झोला खाव।

च्यारूं कानी होडाहोड, उभा भिड़ावां थांरा भोड।

पांच बरस में चुणलां म्हैल, दुनिया भर री करलां सैल।

काळा धोळा रेलम पेल, इणी डावड़ै हाथां खेल।

थूकां-चाटां दिन अर रात, कठे'क लाठी कठे'क लात।

कठै जोड़ दां फुरनै हाथ, वाह भाई वाह भाई मिनखाजात।

जठै देखलां भरी परात, उठै नाचलां सारी रात।

प्रजातंत्र रा सगळा यार, पांच बरस में पाछा त्यार।

जांणां म्हे सगळा मन मांही, थे भी बैठा खाधां खार।

झट चोळा पळटाने आवां, पाछा गुण थांरा इज गावां।

गेला व्है नै थे गूंजा दो, महांरी जग में जैजै कार।

प्रजातंत्र रौ इज डौळ, वोइज गूंगो, वोइज गोळ।

च्यारूं कानी पोलमपोल, फेर बजावां म्हे इज ढोल।

काढ्या दांत जोड्यां हाथ, वाह भाई वाह भाई मिनखाजात।

जठै देखलां भरी परात, उठै नाचलां सारी रात।

म्हे गांधी रा सगळा यार, भाँत-भाँत री टोप्यां धार।

गळ पैर्यां फूलां रा हार, भासण देवां धारोधार।

दूजी बातां की नी जाणां, म्है तो घणा खुलावां थाणा।

थे भी केड़ा गांधीवादी, जिकै मांगलौ रोटी दांणा।

गांधी रौ भूखौ देस, झाड़ण नै कोरा उपदेश।

जिण री लाठी उणरी भैंस, खादीवाळी फौज विसेस।

रोज फुड़ावै थांरा माथ, कठेक लाठी कठेक लात।

कठै जोड़दै फुरनै हाथ, वाह भाई वाह भाई मिनखाजात।

जठै देखलां भरी परात, उठै नाचलां सारी रात।

म्हे राखां गुंडां री गेंग, कदियक थांनै व्हेजा वैम।

कूट पीट नै करां पाधरा, महांनै लागै कितरी टेम।

भय बिन प्रीत नहीं रे भाई, तुलसी रामायण गाई।

सगळी रामायण जद बांची, म्हानै बात आई दा आई।

सगळौ देस बणांसां जैळ, अै म्हांरा इतियासू खेल।

म्हांसूं टकरावण वाळां नै, सीधा सुरग चढ़ावां मेल।

म्हांसूं मत टकरावो भ्रात, अबखी हैलीडर री जात।

थूक चाटतां सरम मानां, जोड्या हाथ काढ्या दांत।

वाह भाई वाह भाई मिनखाजात।

जठै देखलां भरी परात, उठै नाचलां सारी रात।

स्रोत
  • सिरजक : आईदान सिंह भाटी
जुड़्योड़ा विसै