सूरज ढळ्यां

गांव री गुवाड़ मांय

चिलमां- बीड़ियां रै धूवैं रै गोट साथै

नेतावां री पोल खुलै

बणै प्रदूषण री कड़ी

अफसरां री लूट-मार

बातां री लड़ी।

गप्पां मांय रचीजै।

सागीड़ो इतियास

जै कोई लिखण वाळो हुवै।

गांव री गुवाड़ मांय

अणभणिया मिनखां री

गप्पां बिचाळै रामायण, गीता,

लोक महाभारत रै कथावां रा पात्र

मिनखां री बातां रा आधार बणै।

गांव-देस-परदेस री ताजी घटनावां माथै

जुबान री कलम चालै।

अणभणिया मिनख जुबान रै नस्तर सूं

अेक-अेक घटना री

करै पड़ताळ

इतियासू सांच

अर

बणावै नूंवों इतियास

जै कोई लिखण वाळो हुवै।

स्रोत
  • पोथी : जोत अर उजास ,
  • सिरजक : रतन ‘राहगीर’ ,
  • प्रकाशक : युवा सिंधी विकास समिति
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